1 मई को भारत के सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक साल दर साल 10.3 फीसद कम होकर 2008 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गया.
गेहूं के बीज की नई वैरायटी HD 3386 को हाल ही में कृषि मंत्रालय की केंद्रीय बीज समिति द्वारा मंजूरी दी गई है.
पंजाब में 30 अप्रैल तक सबसे ज्यादा 95.97 लाख टन गेहूं की खरीद की गई है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुमानों के मुताबिक, गेहूं का उत्पादन फसल वर्ष 2023-24 में 1,120.19 लाख टन होगा, जबकि पिछले वर्ष में यह 1,105.54 लाख टन था.
सरकार ने इस साल रिकॉर्ड 11.2 करोड़ टन गेहूं पैदा होने का अनुमान लगाया है, जो कि पिछले साल की तुलना में 1.39 फीसद ज्यादा है.
बफर नियमों के मुताबिक पहली अप्रैल तक सरकारी गोदामों में 7.46 मिलियन टन गेहूं का स्टॉक होना जरूरी है.
कृषि मंत्रालय ने रिकॉर्ड 112.02 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का अनुमान जताया है.
उत्तर प्रदेश ने 1 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू करने पर सहमति जताई थी, जबकि राजस्थान 10 मार्च से खरीद शुरू करने के लिए सहमत हुआ था.
FCI के मुताबिक मार्च महीने की शुरुआत में राज्यों के गोदामों में गेहूं का स्टॉक 9.7 मिलियन टन था.
सरकार अगले हफ्ते से गुजरात और महाराष्ट्र में गेहूं की खरीद शुरू कर सकती है.